ज्ञानविज्ञान

वास्तव में ज्ञान क्या है ? विज्ञान क्या है ? यह एक आज आधुनिक समय में चर्चा का एक उत्कृष्ट विषय है । आज के विज्ञान और हमारे वैदिक (शास्त्रीय) विज्ञान में बड़ा अन्तर है । आज आधुनिक विज्ञान भी यद्यदि सुख सुविधाएं उपलब्ध कराता है किन्तु साथ ही मौत का सामान (भय) भी उपलब्ध कराता है, इस विज्ञान की विशेषता यह है कि इसका ज्ञान सदैव अपूर्ण रहता है और सदैव कुछ न कुछ नया जानने की इच्छा बनी रहती है, जबकि हमारे शास्त्रीय विज्ञान के अनुसार ‘एक विज्ञान से सर्व विज्ञान’ विदित है । इस विज्ञान के बाद कुछ भी जानना शेष नहीं रहता । सब ज्ञात अज्ञात हो जाता है और अज्ञात ज्ञात हो जाता है । आज हम इसी विषय पर भगवती गीता के आश्रित होकर विचार करेंगे । भगवती गीता के अध्याय २/११ से लेकर २/३० तक जीव के स्वरूप का विस्तृत अविनाशी स्वरूप का वर्णन किया गया है । उस जीव के वास्तविक स्वरूप और उसकी प्राप्ति के साधनों का वर्...